नेताओं की छात्र छाया में चलने वाले इस धंधे में घुड़खर अभ्यारण और रिजर्व फॉरेस्ट को व्यापक नुकसान
गुजरात के कच्छ जिले में नमक का बहुत बड़ा उत्पादन होता है पूरे देश में सबसे ज्यादा नमक का उत्पादन कच्छ में होने की वजह से नमक के उत्पादन में बड़ी-बड़ी कंपनियां शामिल हैं वह कंपनियां ज्यादातर नेताओं की और बाबुओं की है जिसके चलते वह कंपनियां सारे अफसरों को और सारे कायदों को जेब में रखकर प्रकृति को बहुत बड़ा नुकसान है कई गांवों में गौचर जमीनों और सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा कर के बड़ी बड़ी कंपनिया नमक का उत्पादन करती है कच्छ जनपद में कई ऐसी कंपनियां हैं जिन्होंने सरकारी जमीन नमक के उत्पादन के लिए लीज पर ली है लेकिन उन जमीनों की जमीनों की तफ्तीश की जाए तो उनको मिली जमीन से 20 से 30 गुना ज्यादा जमीनों पर कंपनियों ने कब्जा कर के वे नमक का उत्पादन कर रहे हैं कच्छ जिले में घुड़खर अभ्यारण है उस अभ्यारण में भी हर रोज 200 से 300 ट्रक नमक का उत्पाद करके चोरी कर रहे हैं जिसके कारण घुड़खर अभ्यारण में मानवों की आवागमन से घुड़खार दूर जा रहे हैं और उन्हें पीने का पानी और भोजन नसीब नहीं होता इसलिए उनका इलाका सिकुड़ता जा रहा है जिसके चलते घुड़खर की संख्या में भी कमी देखी जा रही है कच्छ के कई विस्तार में रिजर्व फॉरेस्ट भी है जोकि मेंगरुव और अन्य कुदरती संपदा के लिए रिजर्व रखा गया है बावजूद इसके वन विभाग के कर्मचारियों से सेटिंग करके कई कंपनियां रिजर्व फॉरेस्ट के विस्तार में भी नमक का उत्पादन कर रहे हैं सरकारी अनुमति से ज्यादा जमीन पर कब्जा करके नमक का उत्पादन कर रहे हैं उनका नमक जब परिवहन के लिए रास्ते पर आता है तब भी उनको पुलिस विभाग या आरटीओ विभाग पकड़ नहीं पा रहा है क्योंकि उन विभागों को भी मिठाइयां पहुंचा दी जाती हैं इन कंपनियों को आतंक इतन है कि सामान्य लोग शिकायत तक दर्ज नहीं करते