30 सितंबर तक नोट बैंक में जमा होंगे उसके बाद सारे नोट रद्दी माने जाएंगे किशन व्यापारी और सामान्य जनता परेशान
भारत में आज से नोटबंदी का दूसरा अध्याय शुरू हो चुका है जिसके तहत 2000 के नगदी नोट भारत सरकार ने रिजर्व बैंक के माध्यम से वापिस ले लिए है 30 सितंबर तक बैंकों मै बदले जा सकेंगे । अतीत में नोटबंदी के अनुभव सुखद नहीं रहे हैं जिसके चलते इस बार भी नोटबंदी के दूरगामी परिणाम अच्छे ना होने के अनुमान लगाए जा रहे हैं रिजर्व बैंक ने एक साथ 10 नोट बदलने की अनुमति दी है अगर 10 नोट से ज्यादा होंगे तो दोबारा बदली के लिए आना पड़ेगा यह फरमान भारत की अर्थ व्यवस्था के लिए घातक हो सकता है पर सरकारों को तो सिर्फ चुनाव जितने है सैयद जनता से कोई सरोकार नहीं जनता के लिए भी यह फैसला घातक सिद्ध हो सकता है क्योंकि किसानों का समय अभी मॉनसून की फसल लगाने का है जिसके चलते सबसे ज्यादा कठिनाई भारत के किसानों को होने की संभावनाएं जताई जाती है इस मामले को लेकर हमने जब बाजार का रुख किया तो अभी से ही कई व्यापारियों ने 2000 के नोट स्वीकारने से इंकार कर दिया है जबकि आज की तारीख में 2000 का नोट लीगल है बावजूद इसके नोटबंदी के अनुभवों को देखते हुए ज्यादातर व्यापारियों में 2000 के नोट लेने से इनकार कर दिया है किसानों से जब बात की गई तब कई किसान यह बताते हैं कि हम लोगों के पास गांव में बैंकों की सुविधा ना के बराबर हैं इस लिए उनको रोज शहेरो के चक्कर करने पड़ेंगे अभी किसानों का समय जताई और बुआई का है किशन अपना काम करे या नोट बदलने जाए रवजी भाई बता रहे है कि हमारी फसल के पैसे ज्यादातर नकदी में होते हैं इसलिए किसानों को इस फैसले से बहुत ज्यादा तकलीफों का सामना करना पड़ेगा कई व्यापारियों ने बताया कि सरकार का यह फैसला किसानों व्यापारियों और सामान्य जनता के खिलाफ जाएगा और देश की अर्थव्यवस्था को भी बहुत नुक्षण होगा सभी वर्ग को ज्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा सरकार ने यह फैसला किन वजह से लिया है यह तो अभी साफ नहीं है लेकिन अचानक से लिए गए इस फैसले से सबसे ज्यादा किसानों को व्यापारियों को और सामान्य जनता को मुश्किल होंगी नोटबंदी एक में भी हमने देखा था कि सभी लोग अपना काम धंधा छोड़कर नोट बदलने के चक्कर में बैंक की लाइनों में लगे दिखे थे शायद आने वाले दिनों में भी ऐसा मंजर देखा जा सकता है