मंगलवार 6 जुलाई को सूरज जब पृथ्वी से साल की सबसे अधिक दूरी पर आ रहा है तब
विगत सप्ताह भट्टी सी दहकती दिल्ली और देश के उत्तरी भाग में गर्मी ने पिछले 90 साल का रिकार्ड तोड़ा है। अगर सूरज पास होता तो क्या होता।
पिपरिया। विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने मॉडल की मदद से बताया कि सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करती पृथ्वी गोलाकार पथ में नहीं घूमती बल्कि यह अंडाकार पथ में चक्कर लगाती है। साल में एक बार यह सबसे दूर होती है इसे अफीलियन कहते है।
यह घटना जुलाई के पहले सप्ताह में होती है।
इस साल यह मंगलवार 6 जुलाई को हो रही है। इस दिन हमारी पृथ्वी सूर्य से दूर जाते हुये 152,100,527 किमी की दूरी रहेगी जो कि साल की सबसे अधिक दूर का बिंदु है।
सारिका ने बताया कि इसके साथ ही साल में एक बार यह सूरज के सबसे पास होती है इसे पेरीहिलियन कहते हैं। यह घटना जनवरी के प्रथम सप्ताह में होती है। इस साल 2 जनवरी को हम सूर्य के सबसे नजदीक थे।
सारिका ने बताया कि मौसम में गर्मी या ठंड का होना पृथ्वी के अपने अक्ष पर झुके होकर घूमने के कारण होता है। झुकाव के कारण किसी समय पृथ्वी के जिस भाग पर सूर्य की किरणें सीधी पड़ रही होती है वहां गर्मी पड़ती है और जहां किरणें तिरछी पड़ती हैं वहां ठंड महसूस होती है। इसके साथ ही वायु दाब , रेगिस्तान से आने वाली हवायें आदि तापमान को प्रभावित करते हैं।
तो दूर हुये सूरज के पास आने तक करें इन्तज़ार ताकि लू नहीं बल्कि जाड़ों के बीच गुनगुनी धूप। का मज़ा ले सकें।