पिपरिया। स्वर्गीय मारुति राव जोशी स्मृति न्यास के द्वारा स्व पत्रकार मानिकचंद बाजपेई के शताब्दी वर्ष पर पांचजन्य के विशेषांक का विमोचन सुदर्शन संघ कार्यालय पर विभाग प्रचारक शिव शंकर, विभाग सहकार्यवाह चाणक्य बक्शी ,न्यास के अध्यक्ष भगवानदास अग्रवाल, रिटायर्ड सेना अधिकारी निरंजन जी की गरिमामय उपस्थिति में किया गया।
मुख्य अतिथि चाणक्य बक्शी ने स्व पत्रकार/ शिक्षक / स्वयंसेवक मानिकचंद बाजपेयी के द्वारा 1947 में भारत की आजादी के बाद के बटवारें के दौरान जो कुछ घटा उस हर एक घटना का बहुत ही बारीकी से विश्लेषण इस पत्रिका के विशेषांक में प्रकाशित किया गया है ।
पिपरिया नगर के गणमान्य नागरिकों की और स्वयंसेवको की उपस्थिति में विमोचन कार्यक्रम संपन्न हुआ आभार व्यक्त न्यास के सचिव चैन सिंह पटैल ने किया ।
सरलता, सादगी तथा अपनत्व के प्रतीक स्व॰ माणिकचन्द्र वाजपेयी का जन्म 7 अक्टूबर 1919 को वटेश्वर जिला आगरा (उ.प्र.) में हुआ था। उन्होंने लहरौली जिला भिण्ड से प्रकाशित ‘देशमित्र’ के सम्पादक के रूप में पत्रकारिता की शुरूआत की थी। वे दैनिक स्वदेश, इंदौर से पत्र के स्थापना वर्ष 1966 से ही जुड़े हुए थे और 1968 से 1985 तक इसके सम्पादक रहे। उन्होंने ‘स्वदेश’ भोपाल, जबलपुर, सागर व रायपुर, बिलासपुर के सलाहकार सम्पादक तथा स्वदेश ग्वालियर, गुना तथा झांसी के प्रधान सम्पादक के रूप में 1987 से 2005 तक पत्रकारिता की नई पौध का अंतिम समय तक पथ प्रदर्शन किया। उन्होंने महत्वपूर्ण राष्ट्रीय विषयों पर आधा दर्जन से अधिक पुस्तकों की रचना भी की थी तथा उनकी कई लेखमालाएं बहुचर्चित रहीं।
झब्बेदार मूछें, ठेठ ग्रामीण पहनावा, देखकर कोई उनकी प्रतिभा का अंदाज ही नहीं लगा सकता | सहज, सरल, विनम्र, किन्तु विचारों पर अडिग, ऐसे थे मध्यप्रदेश के ख्यातनाम पत्रकार माणिकचन्द्र जी वाजपेई उपाख्य “मामा जी” |यूँ तो वे पूर्व प्रधानमंत्री स्व अटल बिहारी बाजपेयी के चचेरे भाई थे पर उन्होंने कभी सार्वजनिक जिक्र नहीं किया । आज वे हमारे बीच नहीं है, किन्तु उनके उनके व्यक्तित्व और कृतित्व का पुण्यस्मरण नई पीढी को नई दिशा और प्रेरणा दे सकता है |